सन् 1857ई0 में विद्रोह की ज्वाला बनकर फूट पड़े प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इटावा जिला क्रान्तिकारियों का प्रमुख रणक्षेत्र रहा। यहां लगभग डेढ़ वर्ष तक अंग्रेजी फौजी और क्रांन्ितकारियों के बीच जो खूनी झड़पों का वीभत्स घटनाक्रम चलता रहा वह स्वाधीनता संग्राम की एक महत्वपूर्ण कड़ी थी । इन सशस्त्र झड़पों में सैकड़ों क्रान्ितवीरों ने आजादी के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी। क्रांतिकारियों ने दुश्मन को जितने व्यापक पैमाने पर जन-धन की हानि पहुंचायी वह भी अपने आप में एक कीर्तिमान था।
स्वा धीनता संग्राम में इटावा का योगदान
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प्रशासनिक अधिकारी