बकेवर (इटावा)। इस बार कोहरे के कारण आलू की फसल में परपरा रोग (ब्लाइट) का असर तेजी से बढ़ने लगा है, जिससे किसानों में चिंता का माहौल है। आलू की इस फसल में कमी आने की आशंका जताई जा रही है। वित्तीय वर्ष में अच्छी पैदावार और मुनाफे की उम्मीद के साथ किसानों ने इस बार करीब 56 हेक्टेयर में आलू की बुआई की थी। महेवा ब्लॉक क्षेत्र में कुल छह हजार हेक्टेयर में आलू की फसल उगाई गई है, लेकिन अब कोहरे के कारण फसल में परपरा रोग फैलने से पैदावार प्रभावित होने की संभावना बन गई है।
किसान नरेश पाल ने बताया कि उन्होंने 30 बीघा में आलू की फसल की थी, लेकिन कोहरे के लगातार प्रभाव के कारण उनके खेत के सात बीघा आलू की फसल में परपरा रोग फैल गया है। उनका कहना है कि इस रोग से आलू की पैदावार कम हो सकती है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
जनता कॉलेज बकेवर के उद्यान विभाग के कृषि वैज्ञानिक डॉ. मनोज यादव ने बताया कि यदि आलू की फसल में झुलसा रोग के लक्षण दिखाई दें, तो किसानों को तुरंत फोमेय दवा का छिड़काव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ 600 से 800 ग्राम दवा का छिड़काव चार से पांच बार करें, ताकि इस रोग पर काबू पाया जा सके और आलू की फसल को बचाया जा सके।
किसान इस समय फसल की सुरक्षा के लिए उपाय खोज रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि उचित सलाह और उपायों से उनकी मेहनत पर आ रहे संकट को कम किया जा सके।