पहले डीएपी की किल्लत झेल चुके किसान अब गेहूं के बीज के लिए सरकारी बीज गोदामों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। ब्लॉक परिसर स्थित राजकीय बीज गोदाम पर किसान अनुदानित और प्रमाणित गेहूं के बीज के लिए लंबी कतारों में खड़े हो रहे हैं, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। कई केंद्रों पर किसानों को बीज न होने की बात कहकर वापस भेजा जा रहा है, जबकि कुछ केंद्रों पर प्रभारी मनमानी कर रहे हैं। डीएपी की कमी के बाद अब किसानों के सामने रबी फसलों की बुआई के लिए बीज संकट खड़ा हो गया है।
कृषि विभाग ने इस सीजन में गेहूं के बीज वितरण का लक्ष्य 5540 क्विंटल रखा है। 19 नवंबर तक 3280 क्विंटल बीज का ही वितरण किया जा सका है। विभाग द्वारा डीवीडब्ल्यूडी 303, डीबीयूडी 187, डीबीडब्ल्यूडी 222 और एचडी 3226 जैसी किस्मों के बीज वितरित किए जा रहे हैं।
किसानों को हो रही समस्याएं
- स्टॉक की कमी: कई सरकारी बीज भंडारों पर गेहूं का बीज खत्म हो गया है।
- अन्य फसलों के बीज की अनुपलब्धता: रबी फसलों के अन्य बीज भी कुछ केंद्रों पर उपलब्ध नहीं हैं।
- लंबी कतारें: किसान घंटों लाइन में लगने के बाद भी खाली हाथ लौट रहे हैं।
किसानों का कहना है कि अगर समय पर बीज उपलब्ध नहीं कराया गया, तो रबी फसलों की बुआई प्रभावित होगी। उन्होंने विभागीय लापरवाही पर नाराजगी जताई और सरकार से जल्द व्यवस्था सुधारने की मांग की। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उपलब्ध स्टॉक के अनुसार बीज वितरित किया जा रहा है। जल्द ही अधिक मात्रा में बीज की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।