सैंफई,इटावा। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में गुरुवार को जर्नल मेडिसिन विभाग के तत्वाधान में विश्व मधुमेह दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ओपीडी में आए 50 मधुमेह रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया ।
इस वर्ष मधुमेह दिवस की थीम “ब्रेकिंग द वेरियस ब्रिजिंग गैप”है इस संदर्भ में ओपीडी में आए लोगों को जागरूक किया गया और उन्हें बताया गया स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हुए बेहतर खान-पान और व्यायाम नियमित रूप से करें धूम्रपान और मादक पदार्थों से दूरी बनाएं जिससे मधुमेह जैसी बीमारी से बचा जा सकता है।
जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने कहा कि जिन लोगों की उम्र 45 वर्ष से ज्यादा है या जिन परिवारों में माता-पिता डायबिटीज से पीड़ित रहे हैं उन लोगों को समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करवानी चाहिए और उच्च रक्तचाप, थायराइड या जिनका बॉडी मास्क इंडेक्स (बीएमआई) ज्यादा है वह भी नियमित अंतराल पर ब्लड शुगर की जांच अवश्य कराएं।
कार्यक्रम में जनरल मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ ग्रंथ कुमार ने भी मधुमेह के कारण व शरीर के अंगों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया और उन्होंने कहा कि वर्तमान में मॉडर्न मेडिसिन में मधुमेह का इलाज उपलब्ध है इसीलिए कोई भी मधुमेह रोगी ओपीडी कमरा नंबर 18 में आकर दिखा सकता है और चिकित्सीय सलाह ले सकता है।