25 दिन से डीएपी की कोई रैंक जिले में नहीं की आई है जिसके कारण किसान सहकारी समितियों पर चक्कर काट रहे हैं। खाद उपलब्ध नहीं हो रही है सचिव आश्वासन पर आश्वासन दे रहे हैं। जिले में अंतिम बार रैंक 20 अक्टूबर को आयी थी उसके बाद खाद की कोई रैंक नहीं आयी है। पिछले दिनों अधिकारियों ने दावा किया था कि पांच नवंबर तक रैंक आ जाएगी मगर ऐसा नहीं हुआ। कृषि विभाग का कहना है कि निजी दुकानों पर डीएपी खाद उपलब्ध है लेकिन यहां पर महंगी बिक रही है। किसान गेहूं की बुआई के लिए डीएपी का प्रयोग करते हैं।
इस समय गेहूं व आलू की बोआई भी चल रही है। डीएपी न मिलने से निराश लौट रहे किसानः साधन सहकारी समितियों पर वितरण के लिए डीएपी का स्टाक न होने से किसान निराश होकर खाली हाथ लौट रहे हैं। खेती पिछड़ने के भय से किसान कालाबाजारी के शिकार हो रहे हैं।
किसान उर्वरक आने की खबर पर समितियों पर पहुंचते रहे। सैफई विकास खंड में साधन सहकारी समिति सैफई, हैवरा, चौबेपुर, वैदपुरा, लट्पुर, हरदोई, लाइमपुर समितियों पर करीब 15 दिन से खाद नहीं है। बुधवार को समिति पर खाद पहुंचने की खबर के बाद किसान पहुंचने लगे।
ताला बंद देख निराश होकर किसान प्रमोद दुबे, इसरार, हरदोई निवासी मुनीर अहमद भी वापस लौटे। इनका कहना है कि 15 दिन से केंद्र पर खाद नहीं है। खाद मिलने की उम्मीद पर केंद्र आता हूँ, लेकिन फिर बैरंग लौटना पड़ता है। यह दर्द सिर्फ हरदोई साधन सहकारी समिति का ही नहीं है बल्कि ब्लाक क्षेत्र की सभी समितियों का है।
जहां 6 जनपद में डीएपी खा खाद पर्याप्त मात्रा में है। किसानों द्वारा अधिक खाद का प्रयोग आलू की बुवाई में किया जा रहा है। जल्द ही एक दो दिन में डीएपी की 1200 मीट्रिक टन की रैक आने की संभावना है उससे समस्या दूर हो जाएगी। अब तक 41 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद का वितरण हो चुका है।
जल्द ही खाद की समस्या दूर होगी। कमलेश नारायण वर्मा सहायक निबंधक सहकारिताखाद न होने के कारण किसानों को समितियों से बैरंग लौटना पड़ रहा है। रबी सीजन की फसलों की बुवाई का दौर चल रहा है, लेकिन खाट के बिना किसान गेहूं समेत अन्य फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं।