सैफई,इटावा। समारंभा फाउंडेशन द्वारा समारंभा स्वर्ण भारत उत्सव के अंतर्गत श्रीमद्भगवद गीता के श्लोक “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन“ पर आधारित व्यक्तित्व विकास की कार्यशाला का आयोजन मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉलेज सैफई में हुआ। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉक्टर प्रभात कुमार सिंह कुलपति उ.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
मुख्य अतिथि डॉक्टर प्रभात कुमार सिंह ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि किसी भी कारण से अपने मन में हीन भावना मत आने देना। अपने प्राप्त संसाधनों से ही निरंतर प्रयास करते रहना, निश्चित है कि एक दिन सफलता आपको अवश्य प्राप्त होगी। उन्होंने ऐसे प्रेरक कार्यक्रम की सराहना की।
विशिष्ट अतिथि डॉ शैलेन्द्र शर्मा, प्राचार्य, चौधरी चरण सिंह हेवरा ने बच्चों को आत्मावलोकन करके स्वयं से ही प्रेरणा लेने को कहा। कहा कि बच्चों आप ही आपके सबसे अच्छे साथी एवं शुभचिंतक हैं।
समारंभा फाउंडेशन की अध्यक्ष ऋचा राय ने कार्यक्रम के विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत अर्थात ज्ञान मे रत देश का इतिहास वेदों, पुराणों, रामायण एवं भगवद गीता जैसे ऐतिहासिक ग्रंथों में गुप्त है। हमें अपने उस महान इतिहास को जानना होगा एवम उस श्रेष्ठ ज्ञान से जनित आत्मविश्वास से अपने दिव्य व्यक्तित्व का निर्माण करना होगा। ऋचा राय ने गीता के कर्म फल सिद्धांत की व्याख्या करते हुए कहा कि कर्म पर ही हमारा अधिकार है, फल पर हमारा अधिकार नहीं है। हमें फल की इच्छा अवश्य करनी चाहिए परंतु अनासक्त भाव से।
समारंभा फाउंडेशन द्वारा स्पोर्ट्स कॉलेज सैफई में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया था जिसमें विजेता छात्रों को मुख्य अतिथि द्वारा मेडल एवं प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया।
अंततः मुख्य अतिथि डॉ प्रभात कुमार सिंह एवम डॉ शैलेन्द्र शर्मा द्वारा परिसर में वृक्षारोपण कर वृक्ष को ’समारंभ’ नाम दिया गया।
कार्यशाला में विशेष रूप से फाउंडेशन की जिलाध्यक्ष श्यामला पांडे, स्नेह पांडे ,प्रतिभा रंजन, सुमन दुबे , चौधरी चरण सिंह महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अमित यादव व डॉ शशिप्रभा, एडवोकेट पवन दुबे, अतुल यादव, स्पोर्ट्स कॉलेज से राम सुशील, नदीम अहमद , कुसुम गंगवार ,रागिनी यादव, शीरीन इरफान, इंद्र कुमार, लाल सिंह, डॉ जियाउर्रहमान, कमलेश कुमार यादव, रामेश्वर, अंशुल त्रिपाठी, शाकिब खान, रणधीर सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ जियाउर्रहमान ने किया।