Tuesday, July 8, 2025

जसवंतनगर मे हो रही ‘केला त्रिगमा देवी’ की जय-जयकार,उमड़ रही भीड़

Share This

जसवंतनगर- नगर के केला त्रिगमा देवी मंदिर में इन दिनों गूंजते घंटे,भक्तों द्वारा की जा रही पूजा -आरती से नवरात्रि के इन दिनों में जसवंतनगर का माहौल अलौकिक देवीमय है।

नगर में 45 वर्ष पूर्व तक कोई ऐसा देवीस्थल नगर में नहीं था,जहां लोग नवरात्रि या अन्य दिनों में देवी आराधना कर सकें ,तब यहां के मोहल्ला अहीर टोला में केवल “शाला मठ” था,जहां लोग देवी की पूजा करते थे। नवविवाहित जोड़े शादी करके शाला पर ही देवी पूजने आते थे। नगर के लोहा मंडी, जिसे पंसारी बाजार भी कहा जाता हैं, वहां एक नीम के पेड़ के नीचे जड़ के पास देवी की छोटी बड़ी बटियां रखी रहती थीं, जिन्हे तब भक्त “त्रिगमा देवी” कहते थे, जो पूजी जाती थीं। 1970 के दशक में पेड़ के नीचे रखीं, इन देवी की बटियों को देख एलआईसी के एक विकास अधिकारी लालबिहारी चौबे का मन दुखी हुआ।उन्होंने और नगर के कुछ श्रद्धालु भक्तों ने मंत्रणा कर तय किया कि इस स्थान को देवी के थान के रूप में जीर्णोद्धार कराया जाए। बताते हैं कि इसी दौरान रूपनारायण गुप्ता नामक एक भक्त रातों – रात/ देवी की पत्थर की एक डेढ़ फुट ऊंची सिंह वाहिनी मूर्ति कहीं से ले आया। जुनूनी ठहरे चौबे ने नीम के पेड़ के चारों तरफ घेरा बनवाकर रातों-रात देवी की वह मूर्ति व बटियां लाकर चबूतरे पर स्थापित करा दी। सबेरा होते ही नगर में एक संप्रदाय ने हायतौबा मचा दी, क्योंकि इसी संप्रदाय के व्यक्ति का टेंट हाउस बगल में चलता था। फिर चौबे जी को मंदिर के कारण मीसा में जेल भी जाना पड़ा। कई साल तक डीबी देवी एक ऊंचे चबूतरे पर बैठी रही जिस पर बाद में झोपड़ी भी बना दी गई लोग उसी में पूजा करने आते रहे।

बाद में जद्दोजहद और मुकदमे बाजी के बाद पुजारी बाबा जयनारायण दास(बौने बाबा) और शंकर बारात समिति ने मंदिर और अन्य श्रोतों की आमदनी से इस करीब 2500 फुट से ज्यादा जगह पर तिमंजिला त्रिगमा केला देवी मंदिर जसवंतनगर में उसी थान पर बनवाया।

आज यह मंदिर जसवंतनगर का सर्वाधिक भव्य और यहां नगर की आराध्य केला त्रिगमा देवी का मंदिर है।स्व बाबा जयनारायण दास के बाद पुजारी के रूप में विशेष कुमार उर्फ लाला भैया ने भी मंदिर का बहुत विस्तार किया। आज दो जुड़वा शक्ल की देवी मूर्तियां ,काली मैया और नीम के नीचे सैकड़ों वर्ष रखी रहीं प्राचीन बटियां भव्यता से मंदिर में विराजमान हैं। इनके अलावा नगर के श्रद्धालुओं ने मंदिर के आंगन में विशाल संतोषी माता, गायत्री माता, और सरस्वती मैया की मूर्तियां स्थापित कराई है। इसके अलावा कई अन्य मूर्तियां भी मंदिर में स्थापित हैं।

जसवंतनगर स्टेट की मालकिन और पूर्व एमएलसी रही, स्व शांती देवी बहू जी द्वारा दान में दिए गए स्थान में साई बाबा, खाटू श्याम की मूर्तियां के अलावा स्व जयनारायण दास और स्व लाला भैया बाबा की समाधि हैं। इस देवी मंदिर की नगर में ही नहीं दूर दूर तक ख्याति है।

नवरात्रियों पर ही नहीं, बल्कि रोज हजारों श्रद्धालु मंदिर की ड्योढ़ी पर पंहुचते और देवी से मनौतियां मांगने आते हैं।

इस नवरात्रि में सप्तमी के दिन मंगलवार को त्रिगमा देवी पर भव्य छप्पन भोग का श्रृंगार किया गया। रामनवमी के दिन गुरुवार को करीब 10 कुंटल का भोग देवी पर चढ़ाया जायेगा और यह आने वाले और दर्शालु श्रद्धालुओं को भंडारा वितरित होगा। इसकी तैयारी में बड़ी संख्या में युवक मंगलवार शाम से ही करने में लगे थे ।मंदिर में नवमी के दिन भारी भीड़ और झंडे चढ़ने का क्रम चलेगा।

Share This
Desk Etawah Live
Desk Etawah Livehttps://etawahlive.com/
इटावा से जुडी ख़बर हमें भेंजें, Email - etawah.news@gmail.com, Mob :- 7017070200
अपनी खबर या कोई समस्या इटावा लाइव पर निशुल्क प्रकाशित करने हेतु हमें Whatsapp - 7017070200, Email – etawah.news@gmail.com पर जरुर भेंजें।

Read more

हमारा इटावा

शिक्षाविद

राजनीतिज्ञ

प्रशासनिक अधिकारी

प्रमुख संस्थान

चिकित्सक

चर्चित व्यक्तिव

पत्रकार

टॉप आर्टिकल्स