राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के अंतर्गत पंचायत विकास सूचकांक (PAI) स्कीम के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन विकास भवन स्थित प्रेरणा सभागार में किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्राम पंचायतों में सरकार की मंशा के अनुरूप समुचित, पारदर्शी और मानक के अनुसार विकास कार्यों की जानकारी देना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार गौतम ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में विकास कार्य सही और उचित रेट पर हों, तथा सभी कार्य निर्धारित मानकों के अनुरूप हों, इसके लिए प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से ग्राम स्तरीय कर्मियों को योजनाओं की गहराई से जानकारी मिलती है, जिससे वे अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन कर सकें।
कार्यक्रम के संयोजक जिला पंचायत राज अधिकारी बनवारी सिंह ने बताया कि इससे पूर्व 8 जुलाई को भी एक इसी तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें उपनिदेशक, कानपुर ने विस्तारपूर्वक कर्मचारियों को योजनाओं की जानकारी दी थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पंचायत स्तर पर बनने वाली डीपीजीपी योजनाएं गहन जांच-पड़ताल के बाद ही तैयार की जानी चाहिए, जिससे कोई कमी न रह जाए।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से प्राप्त पुरस्कार पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि भारत सरकार की थीम में भी पुरस्कृत होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने प्रशिक्षण में मौजूद सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से विशेष प्रयास करने की अपील की।
अपने संबोधन में उन्होंने “जल है तो कल है” की भावना पर बोलते हुए कहा कि गांवों में पहले जो तालाब और कुएं जल स्रोत थे, वे आज प्रदूषण और उपेक्षा के कारण उपयोग के योग्य नहीं रहे। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में लगे हैंडपंपों में लगभग 90% लोगों ने समरसेबल पंप लगा दिए हैं, जिससे जल की बर्बादी हो रही है।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार की प्रशिक्षण कार्यशालाएं आगे चलकर विकास खंड स्तर पर भी आयोजित की जाएंगी ताकि ग्राम विकास की योजनाओं को सही दिशा और गति मिल सके।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार गौतम, जिला पंचायत राज अधिकारी बनवारी सिंह, एडीपीआरओ रोहित कुमार, सभी एडीओ पंचायत, पंचायत सचिव एवं ग्राम प्रधानगण उपस्थित रहे।