उघोग व्यापार प्रतिनिधि मंडल नें प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आज नुमाइश चौराहे के पास स्थिति वाणिज्य कर कार्यालय पर पहुंच कर आज केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री मती निर्मला सीतारमण को संबोधित आठ सूत्रीय मांग पत्र जीएसटी कमिश्नर ग्रेड1 श्री हृषिकेश प्रताप राव दीक्षित को सौंपा,उघोग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिला महामंत्री श्री अभय टंडन, उघोग मंच के जिला अध्यक्ष श्री भारतेन्द्र नाथ भारद्वाज, जिला कोषाध्यक्ष कामिल कुरैशी, महिला जिला अध्यक्ष श्री मती गुड्डी बाजपेई, युवा जिलाध्यक्ष रियाज अब्बासी, शहर अध्यक्ष योगेश यादव, रेडीमेड ऐसोसिएशन के अध्यक्ष देव गुप्ता आदि व्यापारी नेताओं के नेतृत्व मिले प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि जी.एस.टी. विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही से व्यापारी अत्यन्त कठिनाइयों में है,
1. जी.एस.टी.आर.-1 फाइल करते समय बी 2 बी व बी 2 सी के लिए एच.एस.एन. समरी अलग-अलग मांगी जा रही है, जिसका कोई औचित्य नहीं है। सिर्फ व्यापारियों के उत्पीड़न के लिए एच.एस.एन. समरी अलग-अलग मांगी जा रही है, जिस पर रोक लगाई जानी अत्यन्त आवश्यक है।
2. सेन्ट्रल जी.एस.टी. कार्यालय द्वारा 2019-20, 2020-21, 2021- 22, 2022-23 एवं 2023-24 तके 5 वर्षों की सूचनाएं व कागजात 15 दिन का समय देकर मांगे जा रहे हैं तथा फिजिकल ऑडिट के लिए टीम बनाकर व्यापारी के कार्यस्थल पर भेजी जा रही है, जबकि अधिकांश के निर्धारण पूर्व में हो चुके हैं। बार-बार नोटिस व ऑडिट किये जाने से व्यापारी उत्पीडन व भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है, जिस पर रोक लगाई जानी अत्यन्त आवश्यक है।
3. जी.एस.टी. रजिस्टेªशन सरेण्डर करने की दशा में जी.एस.टी.आर-10 अपलोड़ किये जाने के बाद भी व्यापारी को कार्यालय में बुलाने के लिए जी.एस.टी.आर.-10 फाइल करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिस पर रोक लगाई जानी अत्यन्त आवश्यक है।
4. सचन दस्तो के द्वारा पूरा टैक्स जमा होने के बाद भी तकनीकी आधार पर (मानवीय भूलों) अनावश्यक कमियां निकालकर जुर्माना जमा कराया जा रहा है, जिसकी आड़ में भारी भ्रष्टाचार पनप रहा है। सचल दस्तो का काम कर अपवंचना को रोकना है। जहॉ पूरा कर जमा है तकनीकी कमी अथवा मानवीय भूलों के आधार पर गाड़ी रोककर जुर्माना लगाये जाने पर रोक लगायी जाये।
5. जी.एस.टी. अधिनियम में 40 लाख रूपये तक का व्यापार करने वाले व्यापारियों को रजिस्टेªशन से छूट प्राप्त है, परन्तु विभागीय अधिकारी टारगेट पूरा करने के लिए कम टर्नओवर वाले व्यापारियों का भी उत्पीड़न कर रजिस्टेªशन प्राप्त करने के लिए बाध्य कर रहे हैं। 40 लाख से कम कारोबार करने वाले व्यापारियों के जी.एस.टी. रजिस्टेªशन के लिए बाध्य करने पर रोक लगायी जाये।
6. जी.एस.टी. स्लैब अधिक होने से कारोबार करने में कठिनाई आती है। जी.एस.टी. की दरों के स्लैब कम किये जायें। अधिकतम जी.एस.टी. स्लैब 18 प्रतिशत से अधिक न रखे जायें।
7. एस.आई.बी. जॉच व सर्वे के समय व्यापारी को भारी धनराशि कर के रूप में जमा करने के लिए बाध्य किया जाता है। जॉच का निर्णय पूर्ण होने से पहले किसी प्रकार का कर जमा कराया जाना गलत है, जिसके लिए मा0 उच्च न्यायालय व मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा भी समय-समय पर आदेश पारित किये गये हैं, परन्तु जी.एस.टी. अधिकारियों द्वारा जॉच व सर्वे के समय दवाब बनाकर कर के रूप में धन जमा कराना पूर्णतयः गलत है। जॉच के समय किसी भी प्रकार के कर के रूप में धन जमा कराये जाने पर रोक लगाये जाने की कृपा करें।
8. विभिन्न प्रकार से नोटिस भेजकर व्यापारियों को कार्यालय में बुलाया जा रहा है। बिना किसी विशेष कारण के व्यापारी को कार्यालय में बुलाने पर रोक लगाई जाए।
जीएसटी कमिश्नर ने सभी बिंदुओं पर व्यापारी नेताओं से विस्तृत चर्चा कर उनके निदान के लिए आश्वस्त किया ।इस अवसर पर संरक्षक हाजी शहंशाह वारसी,बरिष्ठ उपाध्यक्ष हाजी शेख आफताब, अशोक जाटव,महिला जिला महामंत्री मंजू लता द्विवेदी, अंजू यादव, बल्लू फैय्याज, धर्मेन्द्र यादव,सोनू अग्रवाल, सैयद लकी, हिमांशु गुप्ता, ज्योति पालीवाल, शशि पांडे , ममता दुबे,तनू वर्मा, सोनी यादव, इकरार अब्बासी,मु अल्ताफ, राखी कुमारी, भरथना अध्यक्ष राकेश पोरवाल , शैलेन्द्र मेहरोत्रा, शकील आदि उपस्थित रहे।