जनवरी के तीसरे सप्ताह में बढ़े हुए तापमान ने रबी की फसल, विशेष रूप से गेहूं को प्रभावित किया है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए अत्यधिक प्रतिकूल है। अगर जल्द ही तापमान में गिरावट नहीं आई तो गेहूं का उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
जिले में रबी फसलों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, जिसमें गेहूं का रकबा करीब 95,077 हेक्टेयर है। जिले में डेढ़ लाख से अधिक किसान गेहूं की खेती करते हैं और यहां गेहूं का उत्पादन 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होता है। इस बार भी किसानों ने गेहूं की बुवाई की थी, लेकिन बढ़ते तापमान ने उनकी मेहनत पर पानी फेरने का काम किया है।
मंगलवार को जिले का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान गेहूं की फसल के लिए बहुत ही प्रतिकूल माना जा रहा है। कृषि विशेषज्ञों ने इस मौसम में फसल में हल्की नमी बनाए रखने की सलाह दी है, ताकि फसल को तापमान के प्रभाव से बचाया जा सके और उत्पादन में कमी ना आए।
कृषि विभाग ने भी किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों में उचित देखभाल और पानी की उचित व्यवस्था रखें, ताकि इस मौसम के असर को कम किया जा सके। किसान अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्दी मौसम में बदलाव आएगा, जिससे फसल को लाभ हो सके।