इटावा। देश में प्रतिबंधित चायनीज लहसुन जिले में बड़ी मात्रा में खपाया जा रहा है, जिससे व्यापारियों और आढ़तियों में हंगामा मच गया है। शनिवार सुबह मंडी आढ़तियों ने मंडी प्रशासन पर सुनवाई न करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। व्यापारियों का कहना है कि जिले में प्रतिदिन चायनीज लहसुन बड़ी मात्रा में खपाया जा रहा है, जबकि यह लहसुन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
मंडी आढ़तियों के अनुसार जिले में इस बार 2,850 हेक्टेयर क्षेत्र में लहसुन की खेती की गई है, जिससे लगभग चार हजार क्विंटल लहसुन की पैदावार होती है। हालांकि, अधिकांश लहसुन साउथ के क्षेत्रों में अधिक दामों पर भेज दिया जाता है, और सर्दियों में जब जिले में लहसुन की खपत बढ़ती है, तब चायनीज लहसुन की खपत भी शुरू हो जाती है।
व्यापारी बताते हैं कि सामान्य लहसुन की कीमत 220 से 250 रुपये किलो होती है, जबकि चायनीज लहसुन 150 रुपये किलो तक बिकता है। मुनाफे के लालच में व्यापारी चायनीज लहसुन को मंगाकर बाजार में खपा रहे हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। चायनीज लहसुन देखने में अच्छा और चमकदार होता है, जिससे लोग इसे सस्ते दामों पर घरों तक ले जाते हैं।
2014 में इस लहसुन को जिले में प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन फिर भी इसका अवैध तरीके से वितरण जारी है। शुक्रवार शाम को नवीन मंडी के एक व्यापारी ने आगरा से तीन क्विंटल चायनीज लहसुन मंगवाया था, जिसके बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया।
मंडी आढ़तियों और व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि चायनीज लहसुन के व्यापार पर सख्ती से रोक लगाई जाए और उसकी जांच की जाए, ताकि लोगों की सेहत को नुकसान से बचाया जा सके।