बकेवर: भोगनीपुर निचली गंगा नहर और इससे निकलने वाले रजवाहों में पानी न आने से किसानों को गेहूं की फसल की सिंचाई में काफी मुश्किलें हो रही हैं। किसानों को अपनी जेब से पैसे खर्च कर नलकूपों और तालाबों से पानी निकालकर फसल को बचाने की कोशिश करनी पड़ रही है।
ज्यादातर खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को 25 दिन से अधिक का समय हो चुका है और फसल को पहली सिंचाई की सख्त जरूरत है। लेकिन, सिंचाई विभाग द्वारा नहर की सफाई में देरी के कारण किसानों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। नतीजतन, किसानों को मजबूरी में निजी नलकूपों और तालाबों में पंपिंग सेट लगाकर फसल की सिंचाई करनी पड़ रही है।
सिंचाई विभाग ने भोगनीपुर नहर और उसके रजवाहों की सफाई का काम समय से पूरा नहीं किया। जिसके कारण जब किसानों को खेतों में पानी की सबसे ज्यादा जरूरत थी, उस समय नहर सूखी पड़ी हुई थी। रबी की फसल की बुवाई का काम लगभग पूरा हो चुका है और खेतों में सरसों और गेहूं की फसल को पहली सिंचाई की आवश्यकता है।
नहर और रजवाहों में पानी न आने से किसानों की फसल खतरे में है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि वे जल्द से जल्द नहर में पानी छोड़े ताकि उनकी फसल बचाई जा सके। भोगनीपुर नहर और रजवाहों में पानी की कमी गेहूं की फसल को सिंचाई की जरूरत किसानों को निजी संसाधनों से सिंचाई करनी पड़ रही है सिंचाई विभाग की लापरवाही किसानों की फसल खतरे में