बकेवर:- जनता कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजेश किशोर त्रिपाठी के निर्देशानुसार कॉलेज में एक दिवसीय कृषि उद्यमिता आधारित किसान गोष्ठी एवं प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला समाज कल्याण अधिकारी व खंड विकास अधिकारी चकरनगर रविंद्र कुमार शशि ने समाज कल्याण व सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की विभिन्न प्रकार की योजनाएं चल रही है।
लेकिन उनकी सम्पूर्ण जानकारी न होने के कारण समाज का अंतिम व्यक्ति उसका लाभ नहीं ले पता है उन्होंने समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे वृद्धा पेंशन योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना , छात्रवृत्ति योजना ,ट्रांसजेंडर गरिमाग्रह योजना, राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय एवं अनुसूचित जाति जनजाति उत्पीड़न निवारण आदि योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में पधारे कृषि विभाग के विषय विशेषज्ञ श्री हर्ष कुमार ने कृषि संबंधी विभिन्न योजनाओं जैसे किसान सम्मान निधि योजना, फार्मर रजिस्ट्री, कृषि यंत्रीकरण योजना व एफपीओ के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
फार्मर रजिस्ट्री के अंतर्गत उन्होंने बताया कि किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग द्वारा आयोजित कैंप में अपना आधार एवं खतौनी लेकर जाना होगा वहां सरकारी कर्मचारी लेखपाल, प्राविधिक सहायक वेरीफिकेशन करने के उपरांत संबंधित फाइल को फॉरवर्ड करेंगे तभी किसान को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल पाएगा।
समूह से आई हुई महिलाओं के लिए एफ पी ओ की जानकारी देते हुए विषय विशेषज्ञ हर्ष कुमार ने कहा कि समूह की महिलाएं अपने द्वारा बनाए गए किसी भी उत्पाद का पंजीकरण पहले कृषि विभाग इटावा में कराएं।
उत्पाद का पंजीकरण होने के बाद संबंधित कंपनी विभाग की सूचना के उपरांत उनके उत्पाद को क्रय करने के लिए उन्हीं के पास जाएगी और उनके द्वारा निर्मित सभी उत्पादों को क्रय कर लेगी जिससे समूह को एक विशेष लाभ होगा और उनकी आय भी बढ़ेगी।
उन्होंने कृषि यंत्रीकरण योजना और एफपीओ पर मिलने वाले ऋण और छूट की जानकारी भी दी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ एमपी सिंह ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज जो हमारे विषय विशेषज्ञ व जिला समाज कल्याण अधिकारी जो एक खंड विकास अधिकारी भी है ने उपस्थित सभी को लघु उद्योग, कृषि योजनाओं ,सरकारी योजनाओं आदि की महत्वपूर्ण जानकारी दी।
यह आप सभी के लिए बहुत उपयोगी है साथ ही कहा कि किसानों के लिए यह गेहूं, जौ, जई की बुवाई के लिए नवंबर का माह उपयुक्त होता है जो नवम्बर माह में बुवाई कर देते हैं तो उन्हें अच्छा उत्पादन मिलेगा, गेहूं की दिसंबर में बुवाई करने के लिए बीज को एक दिन पूर्व भिगोकर उपचारित कर सीड ड्रिल के द्वारा बीज की सवा गुनी मात्रा 125 किग्रा/हे. की दर से बुवाई करनी चाहिए हो सके तो गेहूं की क्रॉस शोइंग करें। बुआई के समय यूरिया खाद का इस्तेमाल न कर जैविक खाद ,डीएपी या एनपीके का प्रयोग करें।
यूरिया का इस्तेमाल पहली सिंचाई के बाद खेत ओट आने पर व बाली निकलने पर करें। पहली सिंचाई 21 से 25 दिन पर करने के बाद शेष सिंचाई 15 दिन के अंतराल पर करें व देर से बोई जाने वाली प्रजातियां जैसे PBW 373, मालवीय 234 या गोल्डन हलना बोएं।
सभी कृषि कार्य और अपने जीवन के कार्य भी समय से करें, तो अच्छा परिणाम मिलेगा। कार्यक्रम में रावे संयोजक डॉक्टर पीके राजपूत,फसल सुरक्षा के विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार यादव, कृषि प्रसार के प्राध्यापक डॉ अभिषेक प्रताप सिंह एवं शस्य विज्ञान के प्राध्यापक सत्यम गुप्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रगतिशील किसान मनोज कुमार, देवेंद्र कुमार दोहरे,त्रिवेंद्र कुमार व समूह की महिलाओं में पदमा कुशवाहा ,रीना ,पिंकी देवी ,नीरज कुमारी ,रमाकांति,जूली ,शकुंतला ,ज्योति कुमारी विमला, साधना व किरन के साथ-साथ कृषि संकाय के विद्यार्थी उपस्थित रहे। अंत में डॉ पीके राजपूत ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।