Thursday, November 14, 2024

स्नेक बाइट हेल्पडेस्क 7017204213 बनी इटावा की जनता के लिए वरदान

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इटावा। वर्तमान समय में भारत विश्व भर में सर्पदंश से प्रभावित प्रमुख देश है जिसके तहत हर वर्ष हजारों लोगों की जान सर्पदंश के कारण सही समय पर सही इलाज न मिलने पर चली जाती है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की वर्तमान योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा सर्पदंश को राज्य आपदा भी घोषित किया जा चुका है। जिसके तहत सर्पदंश के बाद मृत्यु होने पर मृतक के परिवार को राज्य सरकार द्वारा देय चार लाख रूपये की आर्थिक मुआवजा की सहायता भी जिला प्रशासन के द्वारा नियमानुसार निर्धारित समय में प्रदान की जा रही है।
चूंकि जनपद इटावा के बकेवर,भरथना,महेवा, चकरनगर,बसरेहर,इकदिल, जसवंतनगर,लखना सहित पूरा ग्रामीण क्षेत्र सर्पदंश प्रभावित क्षेत्र माना जाता है जिसमे जहरीले सर्प कोबरा करैत के दंश की घटनाएं अक्सर ही सामने आती ही रहती है और अंधविश्वास में आकर अक्सर ग्रामीण सर्पदंश के पीड़ित को अस्पताल न ले जाकर झाड़ फूंक कराने चले जाते है जिससे पीड़ित की सही समय पर अस्पताल का इलाज (एंटीवेनम/वेंटीलेटर) न मिल पाने और कीमती समय व्यर्थ होने के बाद हालत बिगड़ने से जान चली जाती है।

क्षेत्र मैं फैले इसी बड़े अंधविश्वास को दूर करने के साथ साथ सर्पदंश के पीड़ित को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने के उद्देश्य से वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी द्वारा उनके व्यक्तिगत नम्बर 7017204213 पर स्नेक बाइट हेल्पडेस्क की पहल की जा चुकी है जो कि पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए समर्पित संस्था ओशन के द्वारा दिन रात संचालित की जा रही है। इस सर्पदंश सहायता हेल्पडेस्क के माध्यम से जनता को सर्पदंश होने पर उपचार की सही जानकारी सही समय पर मिल पा रही है जिससे सर्पदंश के बाद लोगों का सही समय से इलाज मिलने से अमूल्य जीवन और सरकार का 4 लाख रूपये का बड़ा राजस्व भी बच रहा है।

इसी क्रम में विगत जून माह में सर्पदंश विशेषज्ञ डॉ आशीष त्रिपाठी द्वारा जिलाधिकारी इटावा को लिखित रूप में एक निवेदन भी दिया गया था कि,राज्य आपदा सर्पदंश को कम करने एवम जनपद इटावा को सर्पदंश मुक्त इटावा बनाने के क्रम में जनपद मैं एक रेस्क्यू हेल्पडेस्क के साथ साथ स्नेक बाइट हेल्पडेस्क के संचालन मैं उनकी मदद अवश्य करे लेकिन डॉ आशीष का यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव अभी तक एक प्रस्ताव मात्र बनकर ही रह गया है । अब ऐसे मैं बिना किसी आर्थिक मदद के इस जन सेवा को लगातार संचालित करने में समस्याएं भी सामने आ रही है अतः ऐसे में यदि इस हेल्पडेस्क को जिला प्रशासन का भी सहयोग मिले तो जनपद इटावा को पूर्ण सर्पदंश मुक्त इटावा बनाने के प्रयास में भविष्य मै बड़ी सफलता भी मिल सकती है। क्यों कि आज जनपद इटावा ही उत्तर प्रदेश का एक मात्र ऐसा जिला भी है जिसमे प्रदेश के समस्त जनपदों से कहीं ज्यादा सर्पदंश जागरूकता का अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है।

हेल्पडेस्क प्रभारी डॉ आशीष त्रिपाठी के अनुसार सही समय पर सही जानकारी न मिलने के अभाव और अंधविश्वास के कारण ही पहले लोगों की जान चली जाती थी लेकिन अब हमारी इस स्नेक बाइट हेल्पडेस्क के माध्यम से जनपद की जनता जागरूक हुई है और क्षेत्रीय ग्रामीणों को भी इस क्षेत्र मैं पाए जाने वाले विषहीन और विषधारी सर्पों को आसानी से पहचानने के साथ साथ सर्पदंश के सही उपचार (फर्स्ट एड) की जानकारी निश्चित समय के अंदर ही भी मिल रही है। जिससे जनता की अमूल्य जान और सरकार का राजस्व भी बच रहा है। इस स्नेक बाइट हेल्पडेस्क के अस्तित्व में आने के बाद से इटावा जनपद की ग्रामीण जनता ने झाड़ फूंक कराना लगभग बंद ही कर दिया है और सीधे अस्पताल भी आने लगे है।

ज्ञात हो कि, इसी स्नेकबाइट हेल्पडेस्क के माध्यम से अब तक इटावा जनपद में कई सैकड़ा लोगों की अमूल्य जान भी बचाई जा चुकी है। इसी कार्य के दृष्टिगत जनता कालेज बकेवर और कृषि इंजीनियरिंग कालेज इटावा में संस्था “ओशन” द्वारा एक लघु हेल्पडेस्क भी बनाई गई है। जिसके माध्यम से महाविद्यालय के हजारों छात्र छात्राएं,शैक्षणिक स्टाफ और क्षेत्रीय ग्रामीण भी लाभान्वित हो रहे है। जनपद की जनता ने भी संस्था “ओशन” की इस अनूठी सामाजिक एवम मानवीय पहल की सराहना करते हुए हेल्पडेस्क के प्रभारी एवम संस्था ओशन के महासचिव,वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को इस 24×7 सहायता हेल्पडेस्क के सफल संचालन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं है।

Desk Etawah Live
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