भरथना (रिपोर्ट- तनुज श्रीवास्तव, 9720063658)- ‘‘जब हो मेरा अस्थि विसर्जन, तुम गंगा का जल हो जाना‘‘ श्रृंगार की भावना से अभिभूत पंक्तियां सुन साहित्यप्रेमी मंत्रमुग्ध हो गये। साथ ही प्रबुद्धजनों ने वीर, हास्य के रचनाकारों की रचनायें सुन साहित्य से सरावोर होकर काव्य यात्रा की।

उ0प्र0 हिन्दी प्रेरणा संस्था भरथना द्वारा कस्बा के जवाहर रोड स्थित अवध गार्डन में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ उत्कर्ष अकादमी कानपुर के निदेशक डा0 प्रदीप दीक्षित ने संस्था अध्यक्ष अशोक यादव, सुधा पाण्डेय, अनिल दीक्षित, मनोज यादव बण्टी, संजय दीक्षित आदि के साथ माँ सरस्वती के चित्र व स्व0 रमेश दत्त दीक्षित, डा0 ईश पाण्डेय, अवध नारायण यादव, वीरेन्द्र सिंह यादव आदि के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित करके किया। तदुपरान्त कवियत्री भूमिका जैन ने ‘‘शारदे दो ऐसा वरदान‘‘ पढकर ज्ञान की देवी का आवाहन किया। इसी क्रम में चन्दन राय व कुँवर जावेद ने ‘‘हमारे देश की बेटी को कितना जानते हो, सुहाग के लिए यमराज से लड जाती है‘‘ पढकर नारी शक्ति के सम्मान पर बल दिया। हेमन्त पाण्डेय ने ‘‘देश बातों से नहीं इरादों से चलेगा‘‘ व डा0 राजीवराज ने ‘‘जिन्दगी आ तुझे मैं गीत बनाने आया‘‘ पढी तथा भूमिका जैन ने ‘‘जब हो मेरा अस्थि विसर्जन, तुम गंगा का जल हो जाना‘‘ व अशोक यादव ने ‘‘नजरों में सिर्फ प्यार का एहसास चाहिये‘‘ पढकर खूब तालियां बटोरी व हास्य व्यंगकार पदम अलबेला ने खूब गुदगुदाया। कार्यक्रम के दौरान समाज में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मनोज सिंह सेंगर, रामप्रकाश पाल सहित आधा दर्जन से अधिक विभूतियों सहित आगन्तुक अतिथियों को माल्यार्पण व प्रतीक चिन्ह्र भेंटकर सम्मानित किया गया। कवि सम्मेलन के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव, सांसद जितेन्द्र दोहरे, विधायक प्रदीप यादव, राघवेन्द्र गौतम, पालिकाध्यक्ष अजय कुमार यादव गुल्लू, पूर्व मंत्री श्रीकृष्ण यादव, पूर्व चैयरमैन मनोज पोरवाल, समाजसेवी श्यामसुन्दर चौरसिया, अवधेश चौधरी, डा0 समीप पाण्डेय, शिवपाल सिंह चौहान, रामपाल सिंह राठौर, रामकुमार यादव, राधेमोहन यादव, शिवकुमार सक्सेना, सुघर सिंह दोहरे, करूणाशंकर दुबे, वीरेन्द्र सिंह चौहान, अनुपम शाक्य, नीरज यादव, आशीष दीक्षित कानू, अनिल कुशवाह, दीपक दुबे, मनोज दीक्षित सहित सैकडों साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम का सफल संचालन सतीश मधुप ने किया।

